राजस्थान के अमर शहीद  के बारे में  महत्वपूर्ण जानकारी

Rajasthan ke amar shahid ke bare me mahtwpurn jankari

Important information about Amar Shaheed of Rajasthan




    रूपाजी धाकड़ व किरपाजी धाकड़ (Rupaji Dhakad and Kirpaji Dhakad )- 

    मेवाड़ रियासत के बेगूं ठिकाने में जन्मे रूपाजी धाकड़ एवं किरपाजी धाकड़ सन् 1922 के महीने में बेगूं किसान आन्दोलन के अंतर्गत किसानों का नेतृत्व करते हुए मेवाड़ राज्य की सेना द्वारा चलाई गई गोलियों के शिकार हुए ।

    लूणकरण , खूबाराम, रामकरण मोरिजा(Lunkaran, Khubharam, Ramkaran Morija ) - 

    जयपुर रियासत के ये किसान 20 मई , 1948 को जागीरदारों द्वारा लाग - बाग एवं ऊँची दर से लगान वसूली का प्रतिरोध करने पर गोल से मार दिये गये ।
     

    सागरमल गोपा (sagarmal gopa )-

     जैसलमेर रियासत के पोकरण में जन्में सागरमल गोपा मई , 1941 में राजद्रोह के अभियोग में जैसलमेर सरकार द्वारा गिरफ्तार किये गये तथा 3 अप्रैल , 1946 को जेल में सरकारी कर्मचारियों ने उन्हें जिन्दा जला दिया तथा वह दूसरे दिन शहीद हो गये । 
     

    प्रतापसिंह बारहठ (Pratap Singh Barath )- 

     भीलवाड़ा के निकट स्थित शाहपुरा रियासत में जन्मे प्रतापसिंह बारहठ ब्रिटिश सरकार की अमानुषिक यातनाओं के शिकार होकर 27 मई , 1918 को बरेली ( उ . प्र . ) जेल में शहीद हो गये ।


    नानक जी भील (Nanak Ji Bhil)- 

    बूंदी किसान आन्दोलन ( 1922 ) के दौरान डाबी में झण्डा गीत ( प्राण मित्रों भले ही गंवाना पर झण्डा न नीचा झुकाना ) गाते - गाते बूंदी राज्य की पुलिस की गोली के शिकार हुए ।
     

     श्री रमेश स्वामी (Shree Ramesh Swamy) - 

     भरतपुर रियासत के भुसावर कस्बे में जन्मे रमेश स्वामी ' बेगार विरोधी आन्दोलन के दौरान भरतपुर पुलिस द्वारा भुसावर में 5 फर . , 1947 को बस द्वारा कुचलवाकर मार दिये गये ।
     

    ठाकुर छत्रसिंह व ठाकुर पंचमसिंह (Thakur Chhatra Singh and Thakur Pancham Singh ) -  

    धौलपुर रियासत के ठाकुर छत्रसिंह व पंचम सिंह 1946 में लखमीर नामक गाँव में धौलपुर राज्य कांग्रेस द्वारा आयोजित सभा में तिरंगे झण्डे के सम्मान की रक्षा करते हुए पुलिस की गोलियों द्वारा शहीद हो गये । - 
     

    बीरबलसिंह (Birbal Singh )-  

    बीकानेर रियासत के रायसिंहनगर में एक जुलुस का नेतृत्व करते हुए यह हरिजन युवक तिरंगा झण्डा हाथ में लिए हुए बीकानेर राज्य की सेना की गोली से 1 जुलाई , 1946 को शहीद हो गया । : 
     

    नाना भाई खांट व वीर बाला व काली बाई भील (Nana Bhai Khant and Veer Bala and Kali Bai Bhil )- 

    डूंगरपुर की रियासत में जन्मे नानाभाई खांट व काली बाई भील डूंगरपुर राज्य के सेवा संघ द्वारा संचालित पाठशालाओं को बंद करवाने के अभियान के दौरान शहीद हो गये । 19 जून , 1947 को राज्य की पुलिस ने रास्तापाल में मार - मारकर नानाभाई की हत्या कर दी । उसी दिन भील बालिका कालीबाई पुलिस की गोली की शिकार होकर शहीद हुई । 
     

    चुन्नीलाल शर्मा (Chunilal Sharma )-  

    जोधपुर रियासत के स्वतंत्रता सेनानी चुन्नीलाल शर्मा डाबड़ा ग्राम में किसान आन्दोलन के दौरान अपने साथी पन्नाराम चौधरी ( डाबड़ा ) , रामाराम चौधरी , रूघाराम चौधरी ( लाडनूं ) , अल्काराम चौधरी अदकासर ( कुचामन ) के साथ 13 मार्च , 1947 को जागीरदारों द्वारा चलाई गई गोलियों से शहीद हुए ।
     
     

    शांतिलाल व आनन्दीलाल (Shantilal and Anandilal ) -  

    मेवाड़ रियासत के ये स्वतंत्रता में सेनानी उत्तरदायी शासन की स्थापना के अंतिम दौर में उदयपुर पुलिस की गोली से 5 अप्रैल , 1948 को शहीद हुए ।



    स्वतंत्र सेनानी के बारे मे महत्वपूर्ण तथ्य 

    Important facts about free fighter 


    --  स्वतंत्रा सेनानी कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी ने दैनिक नवज्योति नामक समाचार पत्र का प्रकाशन किया पंडित नवरत्न जोशी ने 1945 में संविधान निर्मात्री समिति के सदस्य रहे तथा राजस्थान विधान सभा के प्रथम अध्यक्ष बने थे |

    --  अजमेर निवासी ज्वाला प्रसाद शर्मा ने रेलवे से खजाना लूटने की योजना बनाई किंतु वह सफल नहीं हो सके |

    --  छगन राज चौपासनी वाला ने मारवाड़ हितकारिणी सभा, बाल भारत सभा, सिविल लिबर्टीज, यूनियन पीपुल्स एसोसिएशन , यूथ लोग प्रजामंडल एंड लोक  परिषद आदि प्रमुख संस्थाओं की स्थापना की |
     छगन राज चौपासनी वाला ने 26 जनवरी 1932 को जोधपुर की जुनी धान मंडी में पहली बार तिरंगा झंडा फहराया

    --  बाबा नरसिंह दास ने मद्रास से सबसे पहला हिंदी पत्र भारत तिलक का प्रकाशन करवाया |

    --  भोगीलाल पांडे की धर्मपत्नी स्वर्गीय मणि बहन पांड्या को कस्तूरबा की तरह बांगड़ बा की  उपमा दी गई |

    --  जब नमक कानून तोड़ा गया तब  पंडित तारकेश्वर शर्मा के मुट्ठी में नमक रह गया जिसे विजय सिंह पथिक ने 600 rs  में नीलाम किया |

    -- पंडित  तारकेश्वर शर्मा ने आगरा से अपने संप्रदान में गणेश नामक सप्ताहिक पत्र का प्रकाशन किया
    स्वतंत्रता सेनानी गणेश लाल व्यास उस्ताद में ने गरीबों की आवाज 1932 बेकसूर की आवाज 39 और इंकलाबी तराने 1946 नामक गीत पुस्तिकाओं का प्रकाशन  किया |