राजस्थान  में मीठे पानी की झीलें

Fresh water lakes in Rajasthan 



    1. अजमेर

    पुष्कर झील- 

    इस झील को सर्वप्रथम पुष्करणा ब्राह्मणों द्वारा खोदी जाने के कारण इसका नाम पुष्कर झील पड़ा । 1809 में मराठा सरदारों ने इसका पुनः निर्माण करवाया । पुष्कर झील NH - 89 पर स्थित है । इसके किनारे पर ब्रह्मा जी का मन्दिर है । जहाँ मूर्ति  शंकराचार्य जी नेे रखी । इसका वर्तमान स्वरूप गोकुल चंद पारीक ने करवाया । यह राज्य की सबसे बडी मीठे पानी की प्राकृतिक झील है । यह झील ज्वालामुखी से निर्मित है अत : कालाडेरा झील कहलाती है । (भारत को दूसरी कालाडेरा झील ,लोनार महाराष्ट्र में है ।) इसे हिन्दुओं का पांचवा तीर्थ, /तीर्थराज/ तीर्थों का मामा / सबसे पवित्र व सर्वाधिक प्रदूषित झील आदि नामों से जाना जाता है । यहीं पर वेदव्यास ने महाभारत की रचना की , यही पास में भर्तृहरि की गुफा व कण्न मुनि का आश्रम है । यहीं पर विश्वामित्र की तपस्या मेनका ने भांग की , कौरवो पाण्डवों का मिलन हुआ . 1911 में मेडम मैरी ने महिला घाट बनाया जो गाँधी घाट कहलाता है , यहाँ पर राम जी ने पिता दशरथ का पिण्डदान किया । कहाँ | | 1997-98 में कनाडा के सहयोग में सफाई की गई । यहाँ पर कार्तिक पूर्णिमा ( नवम्बर ) में राज्य का सबसे रंगीन मेला लगता है । जिसमें सर्वाधिक विदेशी आते हैं तथा यह मेला सर्वाधिक ऊँट बिक्री के लिए प्रसिद्ध है ।

    आना सागर झील -

    यह झील नागपहाड़ व तारागढ़ के मध्य स्थित है । जिसका निर्माण तुकों की सेना के संहार के बाद खून से रगों धरती को साफ करने के लिए अर्णोराज ने 1137 में चन्दा नदी के जल को रोककर करवाया । जहांगीर ने इसके पास में ही शाहीबाग /दौलत बाग जिले वर्तमान में सुभाष उद्यान के नामों से जाना जाता है का | निर्माण करवाया व शाहजहाँ ने 5 बारहदरों का निर्माण काताया ।

     फॉयसागर झील - 

    इसका निर्माण इंजीनियर फाँय के निर्देशन में अकाल | राहत कार्य के तहत बाँड़ी  नदी पर बाँध बनाकर कारवाणा इसमें अधिक जल भरने पर इसका पानी आनासागर झील में जाता है ।

    2॰ जैसलमेर

    • अमर  सागर झील 

    • गढसीसर झील 

    • बुझ झील 

    3. हनुमानगढ़

    • तलवाड़ा झील -घग्गर नदी के मुहाने सर्वाधिक नीचाई पर स्थित झील 

     

    4. जयपुर

    • रामगढ़ झील 

    • गलत झील

    • मानसागर झील 

    5.  सिरोही 

    • नक्की झील - 

    यह झील माउण्ट - आबू में स्थित है जिसका निर्माण 14 शताब्दी में किया । यह सबसे ऊंची / सबसे गहरी विवर्तनिकी झील है । इसमें दो चट्टाने है जिनको आकृति टांड - रॉक (मेंढक के समान )नन रॉक ( महिला के समान ) जैसा । किवदती के अनुसार उसका निर्माण देवताओं ने नाखूनों से किया । राज्य का एकमात्र रॉक जो सदियों में अक्सर जम जाती है । इसी झील के किनारे सनसेट का दृश्य निहारने के लिए पर्यटक माउण्ट आबू ( सिरोही ) में जाते हैं

    6. बूंदी

    •  जैतसागर झील, नवलसागर झील 

    • कनकसागर झील इसका दूसरा नामा ' दुगारी झील " है 

    • रामसागर झील ( सारस क्रेन के लिए प्रसिद्ध है ) .

     • कॉडेला झील ( मानसरोवर झील ) भीमसागर सागर 

    7. राजसमन्द झील 

    • राजसमन्द झील - 

    कांकराली में राजसिंह ( मेवाड़ के शासक के नाम पर बनी राजसमन्द झील ) ने 1600 से 1662 में इसका निर्माण करवाया । इस  झील में गोमती नदी का पानी गिरता है । यह राज्य की एकमात्र झील है जिसके नाम पर जिले का नाम पड़ा राज्य सरकार ने इसे धार्मिक दृष्टि से पवित्र झील घोषित किया । इसके उत्तरी भाग को नौ चौकी कहते हैं , जहाँ रणछोड़ भट्ट द्वारा संस्कृत भाषा में 25 खण्डो में शिलालेख लिखा , जिसमें मेवाड़ का इतिहास लिखा हुआ है इन्हें " राजप्रशस्ति के नाम से जाना जाता है जो कि दुनिया की सबसे बड़ी प्रशस्ति है । यह राजस्थान की दूसरी बड़ी कृत्रिम झील है । ( नन्दसमन्द झील भी राजसमन्द जिले में है )

    8. डुंगरपुर

    • गेव / गेप सागर झील 

    •  इसे एडवर्ड सागर बांध भी कहते है / इसके मध्य मे बादल महल बना हुआ है

    9. बीकानेर

    • कोलायत झील -

    यह प्राकृतिक झील है जहां कपिल मुनि का मेला प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा ( नवम्बर ) को भरला है । यह झील राष्ट्रीय राजमार्ग -15 पर स्थित है जिसे ' ' शुष्क  मरूस्थल का सुन्दर उद्यान ' ' के नाम से भी जाना जाता है ।

    • गजनेर झील - 

    इस" पानी का शुद्ध दर्पण " की उपमा दी गई है

     10. अलवर

    • सिलीसेन झील - 

    दिल्ली से जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग -8 पर स्थित है ।इसका निर्माण विनयसिंह ने रानी शिला हेतु करवाया था जिसे राजस्थानकानन्दन कानन ' कहते हैं वर्तमान में इसे होटल लेक पैलेस में तब्दील कर दिया गया है

    11. जोधपुर 


    • बाल समन्द झील -

     यह  झील जोधपुर - मण्डोर मार्ग -  पर स्थित है जिसका  निर्माण परिहार शासक । राव बाउक ( बालक राव  प्रतिहार ) ने ।159 ई . में  करवाया।.
     
     

    • कायलाना झील - 

    शुरू में यह प्राकृतिक झील थी जिसे  वर्तमान स्वरूप सर  प्रताप ने दिया । इससे जोधपुर शहर को पेयजल दिया जाता है । वर्तमान में झील इस झील में " राजीव  गाँधी केनाल " का पानी  आता है । इसके किनारे माचिया सफारी पार्क स्थित है -
     

    12. भरतपुर

    • मोती झील - 

    रूपारेला नदी के जल को रोककर इसका निर्माण करवाया इसे भरतपुर की लाइफ लाईन / जीवन रेखा कहते हैं इस झील में प्राप्त नील हरित शैवाल एन -2 से युक्त खाद प्राप्त होती है
     
     

    13.  धोलपुर

    • तालाब - ए - शाही - 

    इसका निर्माण जहाँगीर के मनसबदार सलेह खाँ ने करवाया ।
     

    14.  पाली

    • चौपड़ा झील

     

    15. कोटा

    •  किशोर सागर झील  

     

     16. उदयपुर

    • उदयसागर झील ·

    • गोवर्धन सागर झील

     • फतेहसागर झील -

     इसका निर्माण जयसिंह ने देवाली गाँव में करवाया अंत : इसे " देवाली तालाब ' ' करते हैं । इसकी आधार शिला ड्यूक ऑफ कनॉट ' द्वारा रखी गई , बाद में बाढ़ से क्षतिग्रस्त होने पर फतेहसिंह ने इसका पुनः | निर्माण करवाया इसके एक टापू पर नेहरू उद्यान है । इसके पास मोती मगरी में प्रताप का स्मारक सहेलियों की बाड़ी ( बगीचा ) एक सौर वेधशाला की स्थापना की गई है । ( Imp .: फतेहसागर व पिछोला झील को जोड़ने वाली ' स्वरूप सागर ' ' झील है । )  .

    • पिछोला झील -

     वह बेडच नदी पर स्थित है इसका निर्माण 14 वीं शताब्दी में राणा लाखा के शासन काल में एक चिडिमार , बजारे ने बैल की स्मृति में करवाया उदयसिंह ने इसका पाल को पक्का करवाया । इसमें सीसारमा व बुझड़ा नदी आकर गिरती है । इस झील में जगमन्दिर ( Imp :: ताजमहल की वास्तुकला पर भारतीय भवन जग मंदिर पलेस उदयपुर की वास्तुकला की छाप है ) करणसित ने 1620 में शुरू तथा जगतसिंह प्रथम ने 1657 में पूर्ण करवाया । यहाँ शहजादापुरम ( शाहजहाँ ) गुजरात अभियान के तहत् तथा अंग्रेजो ने 1857 की क्रान्ति के समय शरण ली व जगनिवास / झील पहल / लेक पैलेस ( जगतसिंह द्वितीय ने 1746 में पूर्ण ) करवाया । इस झील में बीजारी नामक स्थान पर नटनों ( गलाको ) की स्मृति में नटनी का चबूतरा बनाया गया । ( Imp :: पिछोला झील को " स्वरूप सागर " झील भी कहते हैं ) महाराणा प्रताप व मानसित की मुलाकात इसकी पाल पर हुई । 
     
     

    • जयसमन्द झील - 

    भारत की दूसरी ( प्रथम गोविन्दसागर ) व राजस्थान की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है । इसका प्राचीन नाम ' डेबर झील है । यह अन्त : प्रवाह की झील है , जिसका निर्माण जयसिंह ने गोमती नदी पर बाँध बनाकर 1685 से 1691 | में करवाया । इसमें गोमती , झावरी व बागर नदियों का जल गिरता है । इसमें कुल सात टापू है , जिनमें से बड़े टापू को बाबा का भागड़ा ' च | छोटे टापू को प्यारी ' कहते हैं तथा एक टापू बाबा का मगरा ' पर ' आइसलैण्ड रिसोट ' नामक होटल है । इसमें से दो नहर झ्यामपुरा नहरन भाट नहर निकाली गई है तथा इसके निकट 6 कलात्मक छतरिया व निकट पहाड़ी पर चित्रित हवामहल / रूठी रानी का महल स्थित है ।

    • कायलाना झील - 

    शुरू में यह प्राकृतिक झील थी जिसे  वर्तमान स्वरूप सर  प्रताप ने दिया । इससे जोधपुर शहर को पेयजल दिया जाता है । वर्तमान में झील इस झील में " राजीव  गाँधी केनाल " का पानी  आता है । इसके किनारे माचिया सफारी पार्क स्थित है
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    17. श्रीगंगानगर 

    • बुढ़ढा जोहड़ झील

     

    18. चित्तौड़गढ़ 

    • भोपाल सागर 


    19. झालावाड़

    कांडेला झील (मानसरोवर झील ), भीम सागर झील